मेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए कैल्शियम: क्या यह वाकई फायदेमंद है और कितनी मात्रा ज़रूरी?
मेनोपॉज़ एक ऐसी शारीरिक अवस्था है, जो महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा होती है। यह उम्र के साथ होने वाला एक प्राकृतिक परिवर्तन है, जिसके दौरान शरीर में कई महत्वपूर्ण हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस बदलाव का सीधा असर महिलाओं के हड्डियों और स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस समय, कैल्शियम का सेवन विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है।
इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि कैल्शियम मेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए कैसे मददगार हो सकता है, उन्हें कितनी कैल्शियम की आवश्यकता होती है, और मेनोपॉज़ल दर्द और हड्डियों की समस्याओं से कैसे निपट सकते हैं।
मेनोपॉज़ क्या है?
मेनोपॉज़, महिला के जीवन का वह चरण है जब उनके मासिक धर्म पूरी तरह से बंद हो जाते हैं, और यह आमतौर पर 45 से 55 वर्ष के बीच होता है। इस समय के दौरान, शरीर में एस्ट्रोजेन जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन का स्तर घटने लगता है। इस हार्मोन की कमी के कारण महिलाओं को हड्डियों की कमजोरी, त्वचा में लचीलापन की कमी, मांसपेशियों में दर्द और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही, मेनोपॉज़ के बाद हड्डियों का घनत्व भी कम होने लगता है, जिससे हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ सकता है।
कैल्शियम टेबलेट्स मेनोपॉज़ में कैसे मदद करती हैं?

1. हड्डियों की कमजोरी को रोकना
मेनोपॉज़ के दौरान एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर घटने से हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है, जिससे हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम सप्लीमेंट्स हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं और ओस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों से बचाव करते हैं।
2. मांसपेशियों में ताकत बनाए रखना
मेनोपॉज़ल महिलाओं में मांसपेशियों की ताकत में कमी आ सकती है, जिससे दैनिक गतिविधियों में समस्या हो सकती है। कैल्शियम का सेवन मांसपेशियों को ठीक से काम करने में मदद करता है, जिससे दैनिक जीवन में सुधार होता है। यह खासकर उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जिनमें मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द की समस्या होती है।
3. हृदय की सेहत में सुधार
कैल्शियम का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक होता है। मेनोपॉज़ के दौरान हृदय से संबंधित समस्याएं अधिक बढ़ सकती हैं, लेकिन कैल्शियम के सेवन से इन जोखिमों को कम किया जा सकता है।
4. मिजाज और मूड स्विंग्स में मदद
कैल्शियम का सेवन मानसिक सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। यह मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है, जो मेनोपॉज़ के सामान्य लक्षण हैं। कैल्शियम का सेवन शरीर में serotonin स्तर को प्रभावित करता है, जो मानसिक स्थिति को संतुलित रखने में सहायक होता है।
5. हड्डी के घनत्व को बढ़ाना
कैल्शियम शरीर में हड्डी के घनत्व को बढ़ाने में सहायक होता है, जो मेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। जब हड्डियों का घनत्व मजबूत होता है, तो वे टूटने या फ्रैक्चर होने से बची रहती हैं।
6. कैल्शियम और विटामिन डी का संयोजन
कैल्शियम के साथ विटामिन डी का सेवन हड्डियों के अवशोषण को बेहतर बनाता है। विटामिन डी कैल्शियम को हड्डियों में सही तरीके से पहुंचाने में मदद करता है, जिससे हड्डियों की मजबूती और सेहत बेहतर होती है।
मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं को कितनी कैल्शियम की आवश्यकता होती है?
1. कैल्शियम की आवश्यक मात्रा – 1200 मिलीग्राम
मेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए कैल्शियम की दैनिक आवश्यकता 1200 मिलीग्राम होती है। इस उम्र में हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए यह मात्रा पर्याप्त मानी जाती है। यदि आप कैल्शियम की इस मात्रा को आहार से नहीं प्राप्त कर पा रही हैं, तो कैल्शियम सप्लीमेंट्स का सेवन आवश्यक हो सकता है।
2. आहार से कैल्शियम प्राप्त करना
कैल्शियम का सेवन आहार से करना सबसे अच्छा होता है। मेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए डेयरी उत्पादों जैसे दूध, दही, पनीर, और अन्य कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जैसे पालक और सरसों के पत्ते, भी कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
3. कैल्शियम सप्लीमेंट्स की भूमिका
कभी-कभी, आहार से कैल्शियम की आवश्यक मात्रा पूरी नहीं हो पाती, खासकर यदि कोई महिला डेयरी उत्पादों से परहेज करती है। ऐसी स्थिति में कैल्शियम सप्लीमेंट्स एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकते हैं। लेकिन सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए ताकि शरीर को सही मात्रा मिल सके।
4. कैल्शियम की आवश्यकता उम्र के साथ बदलती है
मेनोपॉज़ के बाद, महिलाओं को कैल्शियम की मात्रा बढ़ानी पड़ती है। 50 साल से ऊपर की महिलाएं 1200 मिलीग्राम कैल्शियम प्रतिदिन ले सकती हैं, जबकि 70 साल और उससे ऊपर की महिलाओं को 1500 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता हो सकती है। यह उम्र के साथ हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए जरूरी होता है।
5. जीवनशैली के अनुसार कैल्शियम की आवश्यकता में बदलाव
अगर महिला एक सक्रिय जीवनशैली अपनाती है, जैसे कि नियमित व्यायाम करती है, तो उसे कैल्शियम के अतिरिक्त स्रोतों की आवश्यकता हो सकती है। इसके साथ ही, यदि वह विटामिन डी, मैग्नीशियम, या अन्य सप्लीमेंट्स का सेवन करती है, तो कैल्शियम की मात्रा को भी बढ़ाना पड़ सकता है।
6. कैल्शियम की अधिकता से बचना
हालांकि कैल्शियम का सेवन जरूरी है, लेकिन इसकी अधिकता से बचना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अत्यधिक कैल्शियम से पाचन समस्याएं, जैसे कि कब्ज या पेट में गैस, हो सकती हैं। इसलिए, कैल्शियम सप्लीमेंट्स का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
मेनोपॉज़ के दौरान कैल्शियम टेबलेट्स लेने के फायदे

1. हड्डियों का घनत्व बढ़ाना और ओस्टियोपोरोसिस से बचाव
मेनोपॉज़ के बाद, एस्ट्रोजेन का स्तर घटने से हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है, और हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं। कैल्शियम के नियमित सेवन से हड्डियों का घनत्व बनाए रखा जा सकता है, जिससे हड्डी टूटने या ओस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर समस्याओं से बचाव होता है। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जो हड्डियों की बीमारी से ग्रस्त होने की अधिक संभावना रखती हैं।
2. मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना
कैल्शियम का सेवन मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। मेनोपॉज़ के दौरान मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन, और कमजोरी जैसी समस्याएँ आम हैं। कैल्शियम मांसपेशियों को आराम देने, खिंचाव कम करने, और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करता है। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए उपयोगी है जिनमें मांसपेशियों के दर्द या जोड़ों में अकड़न की समस्याएं होती हैं।
3. हृदय और रक्तचाप को नियंत्रित करना
कैल्शियम के सेवन से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है। मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं को हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का अधिक खतरा होता है। कैल्शियम रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखता है और रक्तचाप को सामान्य बनाए रखता है। इसके अलावा, यह हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जिससे हृदय संबंधित समस्याओं से बचाव होता है।
4. मानसिक स्थिति को सुधारना
कैल्शियम मानसिक सेहत पर भी प्रभाव डालता है। मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं को मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कैल्शियम के सेवन से मानसिक स्थिति बेहतर होती है, क्योंकि यह शरीर में सेरोटोनिन के स्तर को नियंत्रित करता है, जो खुश रखने और मानसिक स्थिति को संतुलित रखने में सहायक है।
5. हड्डियों के साथ-साथ दांतों को भी मजबूत बनाना
कैल्शियम का सेवन केवल हड्डियों के लिए नहीं, बल्कि दांतों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। मेनोपॉज़ के दौरान, दांतों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है, जिससे वे अधिक कमजोर हो सकते हैं। कैल्शियम दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे दांतों का घनत्व बनाए रखा जा सकता है और दांतों में कीड़ों के बनने की संभावना कम होती है।
6. महिलाओं के वजन पर नियंत्रण रखने में मदद
कुछ शोधों से पता चला है कि कैल्शियम शरीर में वसा को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है। मेनोपॉज़ के बाद, महिलाओं में मेटाबोलिज्म की दर कम हो जाती है, जिससे वजन बढ़ सकता है। कैल्शियम मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है और शरीर में वसा जमा होने से बचाता है, जिससे वजन पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
7. कैल्शियम के साथ विटामिन डी का संयोजन और फायदे
कैल्शियम के साथ विटामिन डी का संयोजन हड्डियों की सेहत के लिए आदर्श है। विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे कैल्शियम अधिक प्रभावी तरीके से हड्डियों में समाहित हो सकता है। यह विशेष रूप से मेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है, जो कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा आहार से प्राप्त नहीं कर पातीं।
8. त्वचा की सेहत में सुधार
कैल्शियम का सेवन त्वचा की सेहत को भी बेहतर बना सकता है। मेनोपॉज़ के दौरान, महिलाओं को त्वचा में लचीलापन की कमी और सूखापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कैल्शियम त्वचा की कोशिकाओं को मजबूती प्रदान करता है और त्वचा को नमी बनाए रखने में मदद करता है, जिससे त्वचा में खिंचाव और वृद्धावस्था के लक्षण कम होते हैं।
9. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना
कैल्शियम का सेवन रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ सकता है, जो हृदय रोगों का कारण बन सकते हैं। कैल्शियम के सेवन से इन जोखिमों को कम किया जा सकता है, जिससे हृदय और रक्त वाहिकाओं की सेहत बनी रहती है।
रजोनिवृत्ति के लिए सबसे अच्छा कैल्शियम सप्लीमेंट कौन सा है?
हमारे पास हड्डियों को मज़बूत बनाने के लिए अनेक प्रकार के कैल्शियम अनुपूरक उपलब्ध हैं, किन्तु रेडिक्लिनिक कैल्शियम सबसे प्रभावशाली और विश्वसनीय है। अन्य ब्राण्ड जहाँ केवल कैल्शियम कार्बोनेट का प्रयोग करते हैं (जिसका अवशोषण कम होता है और जिससे दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं), वहीं रेडिक्लिनिक कैल्शियम तैयार किया गया है कैल्शियम साइट्रेट मलेट तथा प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और आवश्यक पोषक तत्त्वों के साथ।

रेडिक्लिनिक कैल्शियम क्यों विशेष है:
- कैल्शियम साइट्रेट मलेट – हड्डियों को मज़बूत बनाता है और हड्डियों की क्षति को रोकता है।
- विटामिन डी3 – कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है तथा हड्डियों और मांसपेशियों का स्वास्थ्य बनाए रखता है।
- मैग्नीशियम – कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों की संरचना को सुदृढ़ करता है।
- जिंक – हड्डियों के निर्माण और उनकी मरम्मत में सहायक।
- विटामिन बी12 – ऊर्जा और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करता है।
- सिसस क्वाड्रैंगुलैरिस (हड़जोड़) – एक प्राचीन औषधीय जड़ी-बूटी जो हड्डियों की घनत्व बढ़ाती है और जोड़ों को स्वस्थ रखती है।
45 से 55 वर्ष की आयु की महिलाओं में रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म का स्थायी रूप से बंद होना) के समय शरीर में एस्ट्रोजन और अन्य हार्मोन की कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप हड्डियों की कमजोरी, गरमी का अहसास (हॉट फ्लैश), मनोदशा में परिवर्तन जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। इस अवस्था में रेडिक्लिनिक कैल्शियम क्लिनिकली प्रमाणित है और हड्डियों को मज़बूत, घना तथा स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्या कैल्शियम मेनोपॉज़ के लक्षणों को कम करने में मदद करता है?
हां, कैल्शियम का सेवन मेनोपॉज़ के दौरान होने वाले हड्डी के दर्द, मांसपेशियों के खिंचाव, और अन्य लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
2. मेनोपॉज़ल महिलाओं को कितनी कैल्शियम की आवश्यकता होती है?
मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं को प्रतिदिन 1200 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
3. क्या कैल्शियम के सप्लीमेंट्स से हड्डी का घनत्व बढ़ सकता है?
हां, कैल्शियम के सप्लीमेंट्स हड्डियों का घनत्व बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, जिससे हड्डियाँ मजबूत रहती हैं।
4. क्या कैल्शियम सप्लीमेंट्स के कोई साइड इफेक्ट्स होते हैं?
कैल्शियम सप्लीमेंट्स के कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे कि पेट में गैस या कब्ज। इन समस्याओं से बचने के लिए कैल्शियम के प्रकार का चयन सावधानी से करें और डॉक्टर से परामर्श लें।
5. कैल्शियम के अलावा कौन-कौन से सप्लीमेंट्स मेनोपॉज़ के दौरान लिए जा सकते हैं?
मेनोपॉज़ के दौरान कैल्शियम के साथ विटामिन डी, मैग्नीशियम, और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है। ये सभी तत्व हड्डियों और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं के लिए कैल्शियम बेहद महत्वपूर्ण है। यह हड्डियों की मजबूती बनाए रखने में मदद करता है और मेनोपॉज़ के दौरान होने वाली हड्डी संबंधित समस्याओं से बचाता है। कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन डी और मैग्नीशियम का सेवन भी हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसलिए, अगर आप मेनोपॉज़ से गुजर रही हैं, तो कैल्शियम की सही मात्रा का सेवन करें और अपने हड्डी स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
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