शिलाजीत की गोलियां राल या गमियों से बेहतर क्यों हैं - शिलाजीत के लाभों पर गहन अध्ययन

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शिलाजीत की गोलियां राल या गमियों से बेहतर क्यों हैं - शिलाजीत के लाभों पर गहन अध्ययन

शिलाजीत एक प्राकृतिक खनिज पदार्थ है जो मुख्य रूप से हिमालय, अल्ताई, और अन्य ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों की चट्टानों से निकलता है। यह काले-भूरे रंग का चिपचिपा राल जैसा पदार्थ होता है, जो हजारों सालों तक पौधों और सूक्ष्मजीवों के अपघटन से बनता है। इसमें फुल्विक एसिड, ह्यूमिक एसिड, और 80 से अधिक खनिज जैसे आयरन, मैग्नीशियम, और जिंक पाए जाते हैं, जो इसे एक शक्तिशाली औषधि बनाते हैं। आयुर्वेद में इसे "रसायन" माना जाता है, यानी यह शरीर को पुनर्जनन और ताकत देने वाला पदार्थ है। इसका स्वाद कड़वा और गंध तेज होती है, और यह गर्मियों में चट्टानों से टपकता हुआ पाया जाता है। शिलाजीत को प्रकृति का अनमोल उपहार कहा जाता है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है।

शिलाजीत का ऐतिहासिक और पारंपरिक उपयोग हजारों साल पुराना है, खासकर आयुर्वेदिक और तिब्बती चिकित्सा में। प्राचीन ग्रंथों जैसे चरक संहिता में इसे बलवर्धक, ओजवर्धक और कई रोगों के इलाज के लिए बताया गया है, जैसे कमजोरी, थकान, मधुमेह, और यौन दुर्बलता। इसे पारंपरिक रूप से दूध या पानी के साथ मिलाकर सेवन किया जाता था ताकि शरीर की ऊर्जा बढ़े और इम्यूनिटी मजबूत हो। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने और महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता को ठीक करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता था। आजकल यह विभिन्न रूपों में उपलब्ध है - शुद्ध राल (resin), गोलियां (tablets/capsules), और गमियां (gummies)। राल सबसे शुद्ध रूप माना जाता है, जबकि गोलियां और गमियां सुविधाजनक और स्वाद में बेहतर होती हैं, जिससे लोग इसे आसानी से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकें। शिलाजीत पर गहन अध्ययन

 

शिलाजीत के बारे में

शिलाजीत एक प्राकृतिक और शक्तिशाली खनिज पदार्थ है जो हिमालय और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों की चट्टानों से प्राप्त होता है, और यह पौधों व सूक्ष्मजीवों के हजारों सालों के अपघटन से बनता है। इसमें फुल्विक एसिड, ह्यूमिक एसिड और 80 से अधिक खनिज जैसे आयरन, जिंक और मैग्नीशियम होते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बनाते हैं। आयुर्वेद में इसे "रसायन" कहते हैं, जो शरीर को ऊर्जा, ताकत और पुनर्जनन प्रदान करता है, साथ ही थकान, कमजोरी और इम्यूनिटी से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। यह काले-भूरे रंग का चिपचिपा राल जैसा होता है और पारंपरिक रूप से दूध या पानी के साथ लिया जाता था, लेकिन अब यह राल, गोलियों और गमियों के रूप में भी उपलब्ध है। शिलाजीत को प्रकृति का अनमोल तोहफा माना जाता है जो शारीरिक और मानसिक सेहत को बेहतर करता है।

 

 

शिलाजीत गोलियां बनाम राल और गमियां: तुलना

शिलाजीत राल (Resin):

शिलाजीत का राल रूप सबसे शुद्ध और प्राकृतिक माना जाता है, जो सीधे हिमालय की चट्टानों से निकाला जाता है। इसमें फुल्विक एसिड और खनिजों की उच्च मात्रा होती है, जो इसे बेहद प्रभावी बनाती है। इसे लेने के लिए 50-100 मिलीग्राम राल को गर्म पानी या दूध में घोलना पड़ता है। हालांकि, इसकी गंध तेज और स्वाद कड़वा होता है, जिसे हर कोई पसंद नहीं करता। यह शुद्धता के मामले में सबसे अच्छा है, लेकिन उपयोग में असुविधाजनक हो सकता है। इसे स्टोर करना भी मुश्किल होता है, क्योंकि यह नमी से चिपचिपा हो जाता है।

शिलाजीत गोलियाँ (Tablets/Capsules):

गोलियाँ शिलाजीत का सुविधाजनक और लोकप्रिय रूप हैं, जो पहले से निर्धारित खुराक में आती हैं। इन्हें पानी के साथ आसानी से निगला जा सकता है, और इनमें कड़वापन या गंध नहीं होती, जिससे यह रोजमर्रा के उपयोग के लिए बेहतर है। यह यात्रा के दौरान ले जाने में भी आसान होती हैं। हालांकि, कुछ गोलियों में भराव पदार्थ या कम शुद्धता हो सकती है, इसलिए विश्वसनीय ब्रांड चुनना जरूरी है। यह राल जितनी शक्तिशाली नहीं हो सकती, लेकिन व्यस्त जीवनशैली के लिए उपयुक्त है।

शिलाजीत गमियाँ (Gummies):

गमियाँ शिलाजीत का नया और स्वादिष्ट रूप हैं, जो चबाने योग्य होती हैं और कड़वे स्वाद से बचाती हैं। ये बच्चों या स्वाद पसंद करने वालों के लिए अच्छी हैं, और इन्हें लेना मजेदार हो सकता है। लेकिन इनमें चीनी, जेलाटिन, या कृत्रिम स्वाद मिले हो सकते हैं, जो शुद्धता और प्रभाव को कम करते हैं। यह राल या गोलियों जितनी शक्तिशाली नहीं होतीं और रोजाना लेने के लिए कम उपयुक्त हैं। यह उन लोगों के लिए ठीक है जो कभी-कभी शिलाजीत आजमाना चाहते हैं।

कौन सा बेहतर है?

अगर आप अधिकतम शुद्धता और प्रभाव चाहते हैं, तो टैबलेट्स राल और गमियों की तुलना में बेहतर विकल्प हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि रोज़मर्रा के उपयोग के लिए कैप्सूल्स/टैबलेट्स सबसे प्रभावशाली होते हैं। 

 

शिलाजीत गोलियां क्यों बेहतर हैं?

  • मानकीकृत खुराक: मानकीकृत खुराक से तात्पर्य शिलाजीत की पहले से निर्धारित मात्रा से है, जो गोलियों और कैप्सूल्स में आमतौर पर मिलती है। यह उपयोगकर्ता को हर बार सही मात्रा लेने की सुविधा देता है, जैसे 250-500 मिलीग्राम प्रति गोली, जिससे ओवरडोज या कम खुराक की चिंता नहीं रहती। राल के मामले में, आपको इसे मापना पड़ता है, जो सटीकता में कमी ला सकता है, जबकि गमियों में खुराक कम स्पष्ट हो सकती है।
  • उपयोग में आसानी: उपयोग में आसानी के लिहाज से गोलियाँ सबसे सुविधाजनक हैं, क्योंकि इन्हें बस पानी के साथ निगलना होता है और ये कड़वे स्वाद या गंध से मुक्त होती हैं। राल को पानी या दूध में घोलने की जरूरत होती है, जो समय लेने वाला और असुविधाजनक हो सकता है, खासकर यात्रा के दौरान। गमियाँ चबाने में आसान और स्वादिष्ट होती हैं, लेकिन इन्हें हर दिन लेना व्यावहारिक नहीं होता।
  • शुद्धता और प्रभावशीलता: शुद्धता और प्रभावशीलता में राल सबसे आगे है, क्योंकि यह प्राकृतिक और अनप्रोसेस्ड रूप में होता है, जिसमें फुल्विक एसिड और खनिजों की पूरी शक्ति बरकरार रहती है। गोलियों में प्रोसेसिंग के कारण कभी-कभी भराव पदार्थ मिले हो सकते हैं, जो प्रभाव को कम करते हैं, वहीं गमियों में चीनी या कृत्रिम स्वाद शुद्धता को प्रभावित करते हैं। राल का नियमित उपयोग सबसे अधिक लाभकारी माना जाता है।
  • बेहतर अवशोषण: बेहतर अवशोषण के लिए राल को बेहतरीन माना जाता है, क्योंकि इसे पानी में घोलकर लेने से यह शरीर में तेजी से अवशोषित होता है, खासकर गर्म दूध के साथ। गोलियाँ पेट में धीरे-धीरे घुलती हैं, जिससे अवशोषण में देरी हो सकती है, और गमियों का अवशोषण चीनी की मात्रा के कारण प्रभावित हो सकता है। राल का तरल रूप इसके पोषक तत्वों को जल्दी रक्त में पहुंचाता है।

 

शिलाजीत के मुख्य लाभ

शिलाजीत एक प्राकृतिक खनिज पदार्थ है जो ऊर्जा बढ़ाने, इम्यूनिटी मजबूत करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है। इसके फुल्विक एसिड और खनिज शरीर को पोषण देते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं।

 

 

  • ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाना: शिलाजीत में मौजूद फुल्विक एसिड कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को बेहतर ढंग से पहुँचाता है। यह थकान को कम करता है और शारीरिक व मानसिक ऊर्जा को बढ़ाता है। नियमित उपयोग से यह व्यायाम करने की क्षमता और सहनशक्ति को भी सुधारता है।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है जो फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और शरीर की रक्षा करता है। शिलाजीत इम्यून कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जिससे संक्रमण और बीमारियों का खतरा कम होता है। यह मौसमी बीमारियों से बचाने में भी प्रभावी है।
  • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: शिलाजीत तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, क्योंकि यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। यह याददाश्त और एकाग्रता को बढ़ाने में भी सहायक है। इसके नियमित सेवन से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
  • यौन शक्ति बढ़ाना: यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्राकृतिक रूप से बढ़ाता है, जो पुरुषों में यौन इच्छा और प्रजनन क्षमता को बेहतर करता है। शिलाजीत शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या को बढ़ाने में भी मदद करता है। महिलाओं में भी यह हार्मोन संतुलन को ठीक कर सकता है।
  • एंटी-एजिंग प्रभाव: शिलाजीत का एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव कोशिकाओं को ऑक्सिडेटिव तनाव से बचाता है, जो उम्र बढ़ने का मुख्य कारण है। यह त्वचा की लोच को बनाए रखता है और झुर्रियों को कम करता है। साथ ही, यह जोड़ों और हड्डियों को मजबूत करके बुढ़ापे की समस्याओं को दूर रखता है।

 

शिलाजीत का सही तरीके से उपयोग और सावधानियाँ

शिलाजीत का सही तरीके से उपयोग:

  • खाली पेट या भोजन के 2 घंटे बाद लें
    शिलाजीत का सेवन सुबह खाली पेट या भोजन के 2 घंटे बाद करना सबसे प्रभावी होता है ताकि इसका अवशोषण अच्छे से हो।
  • गुनगुने पानी या दूध के साथ मिलाकर लें
    शिलाजीत को गर्म पानी, दूध या गिलोय जैसे हर्बल ड्रिंक्स में मिलाकर लेना ज्यादा लाभकारी होता है।
  • संतुलित मात्रा में लें (300–500 mg प्रतिदिन)
    शुरुआत में कम मात्रा से शुरुआत करें और शरीर की प्रतिक्रिया देखकर मात्रा को धीरे-धीरे तय करें। डॉक्टर की सलाह सर्वोत्तम है।

शिलाजीत की सेवन करते समय सावधानियाँ:

  • हमेशा शुद्ध और प्रमाणित शिलाजीत का ही उपयोग करें बाजार में मिलावटी उत्पाद बहुत मिलते हैं, इसलिए प्रमाणित ब्रांड या स्रोत से ही शिलाजीत लें।
  • गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं इसका सेवन न करें इस पर अभी पर्याप्त वैज्ञानिक शोध नहीं हैं, इसलिए इस अवस्था में इसका सेवन टालना चाहिए।
  • अगर आपको किसी प्रकार की एलर्जी, किडनी या हार्ट संबंधी समस्या है, तो सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें शिलाजीत की गर्म तासीर कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
  • शिलाजीत को शराब, तंबाकू या किसी स्टिमुलेंट ड्रग के साथ न लें यह संयोजन शरीर पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है और लाभ के बजाय नुकसान पहुंचा सकता है।

 

निष्कर्ष

गोलियां या टैबलेट्स शिलाजीत के सेवन का सबसे सुविधाजनक और प्रभावी तरीका इसलिए मानी जाती हैं क्योंकि इनमें तय मात्रा (डोज) होती है, जिससे ओवरडोज़ या कम मात्रा लेने की आशंका नहीं रहती। इन्हें बिना किसी विशेष तैयारी के कहीं भी, कभी भी लिया जा सकता है, जो व्यस्त जीवनशैली वाले लोगों के लिए आदर्श है। इसके अलावा, शुद्ध शिलाजीत पाचन में तेज़, असरदार और लंबे समय तक टिकाऊ परिणाम देता है। लेकिन यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि बाजार में कई नकली या मिलावटी उत्पाद भी मौजूद हैं। इसलिए हमेशा वही सप्लीमेंट चुनें जो लैब-टेस्टेड, एफएसएसएआई/जीएमपी सर्टिफाइड और ब्रांड के ट्रांसपेरेंसी स्टैंडर्ड पर खरा उतरे। एक सही और प्रमाणित शिलाजीत सप्लीमेंट न केवल आपकी ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाता है, बल्कि यह आपके समग्र स्वास्थ्य को भी स्थायी रूप से बेहतर बनाता है।

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