7 कारण क्यों आपको 40 से ऊपर की उम्र में जॉइंट सपोर्ट सप्लीमेंट का उपयोग करना चाहिए

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7 कारण क्यों आपको 40 से ऊपर की उम्र में जॉइंट सपोर्ट सप्लीमेंट का उपयोग करना चाहिए

40 से ऊपर की उम्र में जॉइंट सपोर्ट सप्लीमेंट लेना बहुत जरूरी हो जाता है क्यूंकि इस उम्र में हड्डियां और जोड़ कमजोर होने लगते है। पहला कारण है कि उम्र बढ़ने के साथ कार्टिलेज पतला हो जाता है, जिससे जोड़ों में दर्द और अकड़न शुरू होती है। दूसरा, शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी होने लगती है, जो हड्डियों को कमजोर करती है। तीसरा, रोज़मर्रा की एक्टिविटी जैसे चलना, उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है अगर जोड़ों का सपोर्ट न मिले। चौथा, जॉइंट सप्लीमेंट में ग्लूकोसामाइन और कॉन्ड्रोइटिन जैसे तत्व होते है जो जोड़ों को लुब्रिकेट करते है और दर्द कम करते है।

पांचवा कारण है कि 40 के बाद सूजन की समस्या बढ़ती है, और जॉइंट सपोर्ट सप्लीमेंट में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते है जो सूजन को कम करते है। छठा, ये सप्लीमेंट जोड़ों की मरम्मत में मदद करता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारी से बचाव करता है। सातवां, अगर आप एक्टिव लाइफस्टाइल जीना चाहते है, जैसे एक्सरसाइज़ या खेल, तो जॉइंट सपोर्ट आपकी मोबिलिटी को बनाए रखता है। इस तरह, जॉइंट सपोर्ट सप्लीमेंट लेने से आप जोड़ों को स्वस्थ रख सकते है और उम्र के साथ आने वाली परेशानियों से बच सकते है।

 

जोड़ों के दर्द से राहत पाने के शीर्ष 7 कारण यहां दिए गए हैं:

जोड़ों का दर्द आजकल बहुत लोगो को परेशान कर रहा हैं, चाहे उम्र कम हो या ज्यादा। ऐसे में कुछ नैचुरल तरीकों और हेल्थ सपोर्ट से इस दर्द से राहत मिल सकता हैं। नीचे दिए गए 7 कारण ऐसे हैं जिनसे आपको समझ आएगा की जोड़ों के दर्द से कैसे छुटकारा पाया जा सकता हैं और लाइफ फिर से एक्टिव बन सकती हैं। अगर आप चाहें तो इन 7 कारणों को पॉइंट फॉर्मेट में भी समझा सकता हूँ! आपके जोड़ों में राहत के लिए संयुक्त समर्थन की खुराक लेने के कई लाभ हैं

 

 

1. जोड़ों की प्राकृतिक मजबूती बनाए रखना:
जोड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए सिर्फ कैल्शियम ही नहीं, बल्कि कोलेजन, ग्लूकोसामीन, और चोंड्रोइटिन जैसे तत्व भी ज़रूरी होते हैं। ये आपके जॉइंट टिशूज़ को रिपेयर करने और उन्हें कड़क या सख्त होने से बचाता हैं। जब ये पोषक सही मात्रा में मिलते हैं, तो जोड़ अपनी नैचुरल फॉर्म में लचीलापन बनाए रखते हैं।

2. गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत:
गठिया एक इंफ्लेमेटरी बीमारी है जिसमें जोड़ सूज जाते हैं और बहुत दर्द होता हैं। कुछ नेचुरल हर्ब्स जैसे अश्वगंधा, हदजोड़, और हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करके दर्द में आराम देता हैं। सही डाइट और हल्की एक्सरसाइज़ के साथ यह दर्द मैनेज किया जा सकता हैं।

3. हड्डियों और उपास्थि (Cartilage) की सुरक्षा:
उपास्थि यानी cartilage एक नरम परत होती हैं जो हड्डियों के बीच कुशन जैसा काम करता हैं। ये अगर टूटने लगे या पतली हो जाए तो हड्डियाँ आपस में रगड़ती हैं जिससे तेज़ दर्द होता हैं। ग्लूकोसामीन और MSM जैसे तत्व cartilage को फिर से बनाता हैं और wear & tear से बचाता हैं।

4. शरीर की लचीलापन और मूवमेंट में सुधार:
लचीलापन यानी flexibility तभी बनी रहती है जब जॉइंट्स में proper lubrication हो। जैसे मशीन में तेल की ज़रूरत होती है वैसे ही शरीर को omega-3 fatty acids और हाइलूरोनिक एसिड की ज़रूरत होती है ताकि मूवमेंट स्मूद रहे। सप्लीमेंट्स और रेगुलर स्ट्रेचिंग से मूवमेंट काफी बेहतर हो सकता हैं।

5. पोषण की कमी को पूरा करना:
आजकल की डाइट में कई ज़रूरी पोषक तत्व मिस हो जाते हैं — जैसे मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन K2 और D3। ये सारे मिनरल्स न सिर्फ हड्डियों को मज़बूत करते हैं, बल्कि जोड़ के टिशू और मसल्स को भी हेल्दी रखते हैं। अगर ये कम हो जाए तो शरीर जल्दी थकता है और जोड़ कमज़ोर महसूस होते हैं।

6. चोटों और फ्रैक्चर से बचाव:
हड्डियाँ जब डेंस होती हैं और जोड़ मज़बूत, तो गिरने या झटका लगने से तुरंत फ्रैक्चर नहीं होता। खासकर बुज़ुर्गों और स्पोर्ट्स में एक्टिव लोगों को ऐसी हेल्थ सपोर्ट की ज़रूरत होती हैं जिससे उनके ligaments और bones पर ज्यादा स्ट्रेस ना पड़े और वो जल्दी रिकवर कर पाए।

7. उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करना:
जैसे-जैसे एज बढ़ता है, बॉडी में कोलेजन बनना कम हो जाता हैं जिससे जोड़ सख्त हो जाते हैं और चलने में दिक्कत आती हैं। अगर समय पर हेल्दी nutrients और सप्लीमेंट लिए जाएं तो यह नेचुरल प्रोसेस धीमा हो सकता हैं। इससे आप 50 की उम्र में भी 30 जैसा मूवमेंट और स्ट्रेंथ फील कर सकते हो।

 

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निष्कर्ष

40 की उम्र के बाद हमारे शरीर में नैचुरल कोलेजन, कैल्शियम और जॉइंट लुब्रिकेशन की मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगती है। यही वजह है कि चलने, उठने-बैठने और एक्सरसाइज़ करते वक़्त जोड़ों में दर्द या अकड़न महसूस होने लगती हैं। ऐसे में जॉइंट सपोर्ट सप्लीमेंट लेना सिर्फ एक ऑप्शन नहीं, बल्कि ज़रूरत बन जाता हैं क्योंकि ये शरीर को वो पोषण देता है जो बढ़ती उम्र के साथ कम हो रहा होता है।

एक अच्छे जॉइंट सप्लीमेंट में मौजूद ग्लूकोसामीन, कोलेजन, चोंड्रोइटिन और हर्बल तत्व न सिर्फ जोड़ों को मजबूत बनाते हैं, बल्कि सूजन कम करके मूवमेंट भी स्मूद बनाते हैं। यह सप्लीमेंट ना सिर्फ दर्द से राहत देते हैं, बल्कि आपकी लाइफस्टाइल को फिर से एक्टिव और हेल्दी बनाने में मदद करता हैं। इसलिए 40 की उम्र के बाद अगर आप अपने शरीर को लचीला और चलने-फिरने लायक बनाए रखना चाहते हो, तो जॉइंट सपोर्ट को अपने डेली रूटीन में ज़रूर शामिल करें।

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